हे आदि शक्ति स्वरूपिणी, हे दुष्ट दैत्य संहारिणी,
हे भगवती भयभीत हूं, भय दूर हो भयहारिणी,
भवमोचिनी शुभदायिनी, जगदंबिके जगतारिणी।।
मस्तक पे कुमकुम रंजीते, हे देव मुनि जन वंदिते,
जय मां भवानी वरप्रदा, हे सर्व शक्ति समन्विते,
मां शारदे जगदीश्वरी कात्यायनी कमलासनी
भवमोचिनी शुभदायिनी, जगदंबिके जगतारिणी।।
शिव की शिवा अति सुन्दरी, सौभाग्य दो परमेश्वरी,
कुछ ज्ञान तुमसे मिले मुझे, कभी भूलूं न मैं तुझे,
चरणों में खुद को सौंप कर तुझको भजूं विंध्यवासिनी,
भवमोचिनी शुभदायिनी, जगदंबिके जगतारिणी।।
– अमित पाठक शाकद्वीपी
संपर्क सूत्र : 8935857296
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