*******************
१२२ १२२ १२२ १२२
मिलो ना मिलो यूं न रूठो किसी से,
१२२ १२२ १२२ १२२
कहो ना कहो और बातें सभी से,
१२२ १२२ १२२ १२२
रहो तो रहो सामने ही पिया के,
१२२ १२२ १२२ १२२
सुनो ताल मेरी कभी तो जिया के।
१२२ १२२ १२२ १२२
सदा रूप तेरा यहाँ मैं निहारूँ,
१२२ १२२ १२२ १२२
जपूं नाम तेरा तुझे ही पुकारूँ
१२२ १२२ १२२ १२२
कभी तो मिलो ना लजाते छिपाते,
१२२ १२२ १२२ १२२
तुझे प्रीत यारा कभी तो बताते।
१२२ १२२ १२२ १२२
कहूं तो कहूं क्या हुईं क्यों दिवानी,
१२२ १२२ १२२ १२२
कहा ना किसी से किसी की न मानी,
१२२ १२२ १२२ १२२
जहां से गई मैं जहां को गई हूं,
१२२ १२२ १२२ १२२
प्रिये आपकी ही बटोही हुई हूं।
१२२ १२२ १२२ १२२
पिया से मिली तो मिली थी खुशी जी,
१२२ १२२ १२२ १२२
रमा दे मुझे भी तभी मैं कही जी,
१२२ १२२ १२२ १२२
कहें प्रेम बोली सीने में छिपाया
१२२ १२२ १२२ १२२
पिया जी मिले यूं गले से लगाया।
© अमित पाठक शाकद्वीपी।🙏
No comments:
Post a Comment