शीश शशि अरु भांग की बूटी,
नेत्र धधकती ज्वाला,
वो महाकाल मतवाला।।
आन पड़ी जब विश्व पे संकट,
याद करें उन्हें देव दनुज नर,
तब पीए हलाहल प्याला,
वो महादेव मतवाला।।
पार्वती के संग विराजे,
हाथ डमरू पिनाक है साजे,
तन बाघाम्बर छाला,
वो आदिगुरु मतवाला।।
भूतन संग वो डेरा डाले,
डोर जगत की रहें संभाले,
रखें अद्भुत रूप निराला,
वो आदियोगी मतवाला।।
ध्यान धरूं बस महिमा गाऊँ,
पल पल प्रति पल शीश नवाऊँ,
कष्ट हरे जो सारा,
देव वो भोला भाला।।
हर हर महादेव
– अमित पाठक शाकद्वीपी
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