कि फिर उनका दीदार हो
हो खड़े आमने सामने
बाते भी दो चार हो
बीती बातें याद कर
मुस्कुराएं हम दोनों
कुछ नया नवेला गढ़ने को
भी दोनो तैयार हो
थी प्रेम पथिक की अभिलाषा
कि फिर उनका दीदार हो
किस्मत का भी हो रुख
हमारे पक्ष में
सितारों की मेहरबानी से
खुशियों की बौछार हो
थी प्रेम पथिक की अभिलाषा
कि फिर उनका दीदार हो
थामने को हाथ उनका
ख्वाहिश कब से लिए बैठा हूं
दिल की ऐसी भी तमन्ना
पूरी इस बार हो
थी प्रेम पथिक की अभिलाषा
कि फिर उनका दीदार हो
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