ये तेरा स्पर्श पिया जी,
दिल में मिश्री घोले,
तुमसे मिलकर ह्रदय की धड़कन भी,
अब राग रागिणी बोले।
मेरे मन के एहसासों को,
तू जो विश्वास से तोले,
होकर मन बांवरा कोई मधुकर,
तेरे पीछे पीछे डोले।
दीप्त भाल पर चमके चांदनी,
बिखेरे रौशनी होले होले
मंद मुस्कान की अनुपम छटा,
मुख मंडल पे संजोले।
तेरा ये स्पर्श पिया जी,
दिल में मिश्री घोले,
तुमसे मिलकर ह्रदय की धड़कन भी,
अब राग रागिणी बोले।
© अमित पाठक शाकद्वीपी
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