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गणपति वंदना
हे सिद्धि बुद्धि सुरपति, हे सुन्दर समुख शरीर, भजन करूं कर जोड़ मैं, हे विकट विनायक वीर।। तन पे तेरे दिव्य पीतांबर, जय हो विनाश...
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साहित्य जगत में एक नवीन आलोक प्रज्वलित करते हुए, सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं काव्य-संपादक नीता बिष्ट जौनपुरी द्वारा संकलित नवीनतम ...
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अनाधिकृत संगठनों का बढ़ता खतरा : प्रमाण पत्र, प्रतिस्पर्धा और पदकों के नाम पर ठगी आजकल, शिक्षा और प्रतिस्पर्धा की दुनिया में कई...
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अनूप रूप सादगी बिखेरती प्रभा तेरी, विनम्र भाव नेह से गेह देह की भरी, शांत चित्त मौन भाव रूप का श्रृंगार है, रूप देख देख चन्द्र ...
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