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Monday, July 17, 2023

शिव वंदना

#मनहरण घनाक्षरी
# विश्वनाथ वंदना 
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जय देव दिवाकर , मणि ताज सुधाकर
तन भस्म रमाकर, धरणीधर गहे ।

सर्प हार बनाकर , मृग छाल सजाकर
गुरु देव दया कर , ह्रदय वास रहे।

भूषित छवि सुंदर , जय श्री करुणाकर
पूजे देव निशाचर , जटा से गंग बहे।

जय पशुपति शंकर , उमापति जै भूधर
अति रूप मनोहर ,  तिनहु लोक कहे।

©️✍️ अमित पाठक शाकद्वीपी 

क्षणे क्षणे कृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।
पुस्तकं धारयेत् एही आरोग्य भयनाशनम् ।।

हर हर महादेव , जय शिव शम्भू 🙏

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