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Friday, September 27, 2024

अनाधिकृत प्लेटफार्मों की बढ़ती लहर : एक गंभीर समस्या



आज के डिजिटल युग में, जहां सूचना और संचार के माध्यमों में तेजी से वृद्धि हो रही है, अनाधिकृत प्लेटफार्मों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ये प्लेटफार्म न केवल पुस्तकों का प्रकाशन कर रहे हैं, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कर रहे हैं। हालांकि, इन प्लेटफार्मों की कोई सरकारी मान्यता नहीं होती, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। इस लेख में हम अनाधिकृत प्लेटफार्मों के खतरों, उनकी गतिविधियों, और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। भारत में इन दिनों अनाधिकृत संस्थाओं की जैसे बाढ़ सी आ गई है। इन संस्थाओं का न ही कहीं पंजीयन होता है और न किसी प्रकार का कोई मुख्यालय या ऑनलाइन पोर्टल। हमारे और आपके आसपास के ही लोग ऐसे फर्जी संस्थाओं का नाम लेकर इन दिनों लोगों से हजारों लाखों रुपए की ठगी करने लगे हैं। कभी कुछ तो कभी कुछ नए नए प्रलोभन देकर लोगों को फसाते हैं और बेचारे अनभिज्ञ लोग इनके झांसे में आकर अपने स्वयं का नुकसान कर लेते हैं।

अनाधिकृत प्लेटफार्मों की गतिविधियाँ

1. पुस्तक प्रकाशन

अनाधिकृत प्लेटफार्मों द्वारा पुस्तक प्रकाशन एक गंभीर समस्या है। कई लेखक अपने काम को प्रकाशित करने के लिए इन प्लेटफार्मों की ओर रुख करते हैं। ये प्लेटफार्म आकर्षक विज्ञापनों और वादों के जरिए लेखकों को अपनी ओर खींचते हैं। लेकिन, लेखकों से भारी शुल्क लेने के बाद, ये प्लेटफार्म उनकी पुस्तकें प्रकाशित करते हैं, जो अक्सर निम्न गुणवत्ता की होती हैं। इसके अलावा, इन पुस्तकों का वितरण भी सीमित होता है, जिससे लेखक का श्रेय और पाठकों तक पहुंच दोनों प्रभावित होती हैं।

2. प्रतियोगिताओं का आयोजन

अनाधिकृत प्लेटफार्म विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं, जैसे लेखन, चित्रकला, और कविता प्रतियोगिताएं। ये प्रतियोगिताएं अक्सर आकर्षक पुरस्कारों का वादा करती हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश प्रतियोगिताओं में कोई वास्तविक पुरस्कार नहीं होता। प्रतिभागियों से नामांकन शुल्क लिया जाता है, और विजेताओं की घोषणा में देरी होती है या फिर उन्हें ठगा जाता है। इससे प्रतिभागियों की मेहनत और समय का दुरुपयोग होता है।

3. धन जुटाने के फर्जी तरीके

इन प्लेटफार्मों की एक और बड़ी समस्या यह है कि वे लोगों से धन जुटाने के लिए फर्जी तरीके अपनाते हैं। ये अक्सर झूठे वादे करते हैं, जैसे कि "आपकी पुस्तक बेस्टसेलर बनेगी" या "आपकी रचनाएँ विश्व स्तर पर पहचान पाएंगी।" इस तरह के दावों का कोई आधार नहीं होता, लेकिन लोग इनसे प्रभावित होकर अपने पैसे खो देते हैं।

समस्याएं और दुष्परिणाम

1. कानूनी समस्याएं

अनाधिकृत प्लेटफार्मों से जुड़ने पर लेखक और प्रतिभागी कई कानूनी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। यदि कोई लेखक अपने काम को प्रकाशित करने के लिए ऐसे प्लेटफार्म का चयन करता है और बाद में उसे ठगी का शिकार बनना पड़ता है, तो उसे न्याय पाने में बहुत कठिनाई होती है। ये प्लेटफार्म अक्सर छद्म नामों से काम करते हैं, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।

2. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

जब प्रतिभागी अपनी मेहनत के बाद भी असफलता का सामना करते हैं, तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। निराशा और अवसाद के शिकार हो जाने वाले लोग अक्सर अपनी रचनात्मकता खो देते हैं। इसके परिणामस्वरूप, साहित्यिक समुदाय में एक नकारात्मक वातावरण बनता है।

3. साहित्यिक मानकों का गिरना

अनाधिकृत प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रकाशित सामग्री की गुणवत्ता अक्सर निम्न होती है। इससे साहित्यिक मानकों में गिरावट आती है। जब पाठक निम्न स्तर की सामग्री पढ़ते हैं, तो यह उन्हें अच्छी साहित्यिक कृतियों से दूर कर सकता है। इससे साहित्य की सच्ची सुंदरता और गहराई का नुकसान होता है।

सावधानियां और उपाय

1. प्लेटफार्म की जांच करें

किसी भी प्लेटफार्म पर काम करने या उसमें भाग लेने से पहले उसकी वैधता की जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि वह प्लेटफार्म सरकारी मान्यता प्राप्त है। इसके लिए आप संबंधित सरकारी एजेंसियों की वेबसाइट पर जा सकते हैं या साहित्यिक संगठनों से संपर्क कर सकते हैं। आप संस्था से उसका पंजीयन प्रमाण पत्र की मांग भी कर सकते हैं। संस्था यदि वैधानिक होगी तो अवश्य ही पंजीकरण का विवरण साझा करेगी।

2. समीक्षाएं और फीडबैक पढ़ें

ऑनलाइन समीक्षाएं और फीडबैक पढ़कर पता करें कि क्या कोई प्लेटफार्म भरोसेमंद है या नहीं। अन्य उपयोगकर्ताओं के अनुभवों से आपको सही जानकारी मिल सकती है। यदि किसी प्लेटफार्म के बारे में नकारात्मक समीक्षाएं हैं, तो उससे दूर रहना बेहतर होगा।

3. संगठन से संपर्क करें

यदि आपको किसी प्लेटफार्म के बारे में संदेह है, तो संबंधित साहित्यिक या सरकारी संगठनों से संपर्क करें। वे आपको सही मार्गदर्शन कर सकते हैं और आपकी समस्याओं का समाधान भी कर सकते हैं।

4. सामुदायिक जागरूकता

अपने अनुभवों को साझा करें और दूसरों को जागरूक करें। जब लोग एकजुट होकर इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो अनाधिकृत प्लेटफार्मों की गतिविधियों को नियंत्रित करना संभव हो सकता है। सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों का उपयोग करके जागरूकता फैलाना एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

निष्कर्ष

अनाधिकृत प्लेटफार्मों की गतिविधियों का बढ़ता प्रभाव हमारे साहित्यिक समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। ये न केवल लेखक और पाठक दोनों को धोखा देते हैं, बल्कि साहित्यिक मानकों को भी गिराते हैं। इस दिशा में जागरूकता फैलाना और सही जानकारी प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक जिम्मेदार साहित्यिक समुदाय के लिए, हमें केवल विश्वसनीय और प्रमाणित प्लेटफार्मों की ओर ध्यान देना चाहिए। हमें मिलकर इस समस्या का सामना करना होगा और एक स्वस्थ, सृजनात्मक और सुरक्षित साहित्यिक वातावरण का निर्माण करना होगा।

© अमित पाठक शाकद्वीपी 

सम्पर्क सूत्र : 8935857296

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