जो हाल है तेरा वही अब हाल मेरा है
रहते हो कहां गुम ये जो सवाल मेरा है
तेरा दिल ही तो ठिकाना है जबाव तेरा है
मेरे दिल के किसी कोने में ख्याल तेरा है ।।
न हाल जानते हो न करते हो बातें हमसे
कहो आख़िर कहां ध्यान तेरा है
तेरी कही मानती हूं हर पल मैं
कहो कथनों का कहां भला कोई मान मेरा है
झूठ है बिलकुल कि ख्याल मेरा है।।
तेरी यादों में गुजरी राते
सारा दिन तूझे याद किया
अंधेरे में छवि तेरी
तू ही तो सवेरा है
हमेशा मेरे दिल के किसी कोने में ख्याल तेरा है ।।
कहती हैं कि बातों से अकसर मन जीत लेते हो
लाखों में करोड़ो में एक यार मेरा है
मिल जाए कोई मन का तो हो रोशनी जीवन में
कोई अजीज खो जाएं तो उन बीन सब अंधेरा है
सिर्फ इन दिनों दिल में यादों का बसेरा है।।
– अमित पाठक शाकद्वीपी
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